शुभाशुभफलैरेवं(म्), मोक्ष्यसे कर्मबन्धनैः। ...more...
समोऽहं(म्) सर्वभूतेषु, न मे द्वेष्योऽस्ति न प्रियः। ...more...
अपि चेत्सुदुराचारो, भजते मामनन्यभाक्। ...more...
क्षिप्रं(म्) भवति धर्मात्मा, शश्वच्छान्तिं(न्) निगच्छति। ...more...
मां(म्) हि पार्थ व्यपाश्रित्य, येऽपि स्युः(फ्) पापयोनयः। ...more...
किं(म्) पुनर्ब्राह्मणाः(फ्) पुण्या, भक्ता राजर्षयस्तथा। ...more...
मन्मना भव मद्भक्तो, मद्याजी मां(न्) नमस्कुरु। ...more...
ॐ श्रीपरमात्मने नम: श्रीमद्भगवद्गीता ...more...
व्यामिश्रेणेव वाक्येन, बुद्धिं(म्) मोहयसीव मे। ...more...